भारत के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान | Major National Parks of India
भारत के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान – विशेषताएं और अवस्थिति
भारत के राष्ट्रीय उद्यान न केवल वन्यजीवों के संरक्षण का महत्वपूर्ण कार्य करते हैं, बल्कि ये हमारे देश की प्राकृतिक विरासत का अमूल्य अंग भी हैं। यहाँ प्रस्तुत हैं कुछ विशिष्ट राष्ट्रीय उद्यानों की सूची:
- सैडल पीक राष्ट्रीय उद्यान, अंडमान निकोबार (1987)
अंडमान की सबसे ऊँची चोटी पर स्थित, वनस्पतियों और समुद्री जीवन का अनोखा संगम।
- भगवान महावीर और मोल्लेम राष्ट्रीय उद्यान, गोवा (1992)
दुधसागर झरने एवं बाघों के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध, जैव विविधता का समृद्ध केंद्र।
- फांगपुई ब्लू माउंटेन राष्ट्रीय उद्यान, मिजोरम (1992)
मिजोरम की सबसे ऊँची चोटी पर, बादलों से घिरे जंगल एवं दुर्लभ पक्षी प्रजातियों का आवास।
- मुर्लेन राष्ट्रीय उद्यान, मिजोरम (1991)
घने जंगलों एवं हिमालयन ब्लैक बीयर के लिए प्रसिद्ध, औषधीय पौधों की समृद्ध विविधता का केंद्र।
- कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान, सिक्किम (1977)
यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, हिम तेंदुए, लाल पांडा और दुनिया की तीसरी सबसे ऊँची चोटी का घर।
- वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान, बिहार (1978)
बाघों एवं गैंडों के संरक्षण हेतु समर्पित, नेपाल सीमा के निकट तराई क्षेत्र की जैव विविधता का केंद्र।
- मृगवनी राष्ट्रीय उद्यान, तेलंगाना (1994)
शहरी क्षेत्रों के पास स्थित, चीतल, सांभर एवं जंगली बिल्लियों का अद्वितीय आवास।
- सलीम अली राष्ट्रीय उद्यान, जम्मू एवं कश्मीर (1986)
प्रसिद्ध पक्षी विज्ञानी सलीम अली के नाम पर, कश्मीरी हिरण एवं हिमालयन मोनाल का घर।
- दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान, जम्मू एवं कश्मीर (1981)
कश्मीरी हंगुल (लाल हिरण) के लिए प्रसिद्ध, हिमालयन ब्लैक बीयर एवं तेंदुओं का आवास।
- किश्तवाड़ा राष्ट्रीय उद्यान, जम्मू एवं कश्मीर (1981)
हिम तेंदुए एवं हिमालयन भूरे भालू के लिए जाना जाता है, ऊँची पहाड़ियों और घाटियों से घिरा हुआ।
- पिन वैली राष्ट्रीय उद्यान, हिमाचल प्रदेश (1987)
हिम तेंदुए एवं स्नो कॉक के संरक्षण का केंद्र, स्पीति घाटी के ठंडे रेगिस्तान में स्थित।
- हेमिस राष्ट्रीय उद्यान, लद्दाख (1981)
भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान, हिम तेंदुए का प्रमुख निवास स्थान और बौद्ध मठों के साथ प्रसिद्ध।
- दुधवा राष्ट्रीय उद्यान, उत्तर प्रदेश (1977)
घास के मैदान और दलदली क्षेत्रों का संगम, बाघों एवं स्वाम्प डीयर का आदर्श आवास।
- इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान, छत्तीसगढ़ (1981)
जंगली भैंसों एवं बाघों का अद्वितीय संगम, इंद्रावती नदी द्वारा पोषित जैव विविधता। - गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान, छत्तीसगढ़ (1981)
बाघों और तेंदुओं के संरक्षण में प्रमुख, पहाड़ों और घने जंगलों से युक्त प्राकृतिक धरोहर।
- कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान, छत्तीसगढ़ (1982)
प्राकृतिक गुफाओं, झरनों और विविध जैव विविधता का संगम, बाघ, तेंदुआ एवं भालू का सुरक्षित निवास।
निष्कर्ष: ये राष्ट्रीय उद्यान भारत की जैविक विविधता, पारिस्थितिकी, और पर्यावरणीय विरासत को सहेजने में अहम भूमिका निभाते हैं।